परेशान ज़िन्दगी शायरी
ज़िन्दगी की परेशानियाँ हमें तोड़ती नहीं, मज़बूत बनाती हैं। कभी मुस्कुरा कर देखो, दर्द भी सुहाना लगेगा। हालात चाहे जैसे हों, हौसला रखना जरूरी है। ये ज़िन्दगी है जनाब, हर मुश्किल के बाद एक नई सुबह जरूर आती है।
New Pareshan Zindagi Shayari

ढल चुकी है शराब प्याले में पीनी तो पड़ेगी,
जिंदगी बेकार ही सही पर जीनी तो पड़ेगी।।
वक्त के साथ हर चीज़ बदल
जाती है..कभी हँसी तो कभी
ग़म की यादें लाती है…!
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी,
सोचा कुछ किया कुछ हुआ कुछ मिला कुछ।

मेरी जिंदगी मै खुशियां तेरे बहाने से है,
आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है..!
ज़िंदगी की राहों में कितना
अकेलापन है,
जिंदगी में बस अब खालीपन है।
हो गया हूं ज़िंदगी से परेशान…..
ना जानें मौत भी कब आएगी….

परेशान ना कर जिंदगी, जीने दे हमें भी,
तेरी कसम हर तरफ से टूट चुके हैं…!!
जीवन का जीवन से मिलना है जिंदगी..
और मिलकर बिछुड़ना भी है जिंदगी…
जिंदगी ने हमसे यूँ बेवफाई की है..
हँसी ने आँखों से हमेशा जुदाई की है…!

इतना परेशान न कर ऐ जिंदगी,
हम कौनसा यहाँ… बार बार आएंगे।
बड़े ही खुशनुमा वहम में थे..
कि हम उनकी जिंदगी में अहम थे…!
जिंदगी ने कुछ ऐसे जख्म दिए हैं,
कि अब हँसी भी अजनबी सी लगती है।
हर खुशी अधूरी सी लगती है,
हर गम में अपनी कहानी मिलती है।

ए जिंदगी एसा भी नहीं कि तुझसे परेशान हूँ मैं,
बस कुछ अपनों के रवैयों से हैरान हूँ मैं !!
जिंदगी से परेशान शायरी हिंदी में
दिल की हर ख्वाहिश अधूरी रह गई…
ज़िंदगी में सिर्फ तन्हाई रह गई….!
अकेले_ही गुज़रती है ज़िन्दगी लोग
तसल्लिया तो देतेहै पर साथ नहीं।
अगर, मगर, और काश में हूं…
फिलहाल में अपनी ही तलाश में हूं…!
जीने का मजा तो सबके साथ आता है …
अकेले तो सिर्फ जिंदगी गुजारी जाती है….!
ये कैसी कश्मकश है ज़िंदगी में..
किसी को ढूंढते हैं हम किसी मे…!
ख़ुशी उनको नही मिलती जो
अपनी शर्तों पे ज़िन्दगी जिया करते हैं,
ख़ुशी उनको मिलती है,
जो दूसरों की ख़ुशी के लिए अपनी शर्ते
बदल लिया करते हैं…!
चन्द खोटे सिक्के जो,
कभी चले नहीं बाजार में,
वो भी कमियाँ खोज रहे हैं,
आज मेरे किरदार में…!
जिंदगी में कुछ ऐसे लोग भी मिलते है..
जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह
सकते हैं…!
जिंदगी का मकसद नहीं होता,
सिर्फ खुश होकर जीना होता है,
तब जिंदगी का मजा आता है.!!
टूटे हुए सपनों की धूल में बसी है…
ये ज़िन्दगी,
हर खुशी से दूर, ग़मों में फँसी है…
ये ज़िन्दगी।
इतनी सी जिंदगी है, पर ख्वाब बहुत है..
का तो पता नहीं साहब, पर इल्जाम बहुत है…!
कभी हँसी में भी दर्द छुपा लेती है..
ज़िन्दगी,
बिना रंगों के जैसे तस्वीर बना देती है…
ज़िन्दगी।
अजीब मुक़ाम से गुजरा है..
क़ाफ़िला ज़िंदगी का, सुकून
ढूँढने चले थे नींद भी गवा बैठे..!!
लोगों की बातों से क्यों परेशान होते
हो जब हालात बदलते हैं,
तो लोगों के बोल भी बदल जाते हैं…!