
Firaq Gorakhpuri Shayari: फ़िराक़ गोरखपुरी जी की हिंदी शायरी के मशहूर और सम्मानित शायरों में गिने जाते हैं। यहाँ हम लेकर आए हैं उनकी कुछ यादगार शायरियाँ, जो दिल को छू जाती हैं और गहरी सोच छोड़ जाती हैं।
Firaq Gorakhpuri Shayari

आई है कुछ न पूछ क़यामत कहाँ कहाँ,
उफ़ ले गई है मुझ को मोहब्बत कहाँ कहाँ !
रात भी नींद भी कहानी भी,
हाए क्या चीज़ है जवानी भी.!
जो हंसते-बोलते चुप हो गया हूं,
मुझे ऐ दोस्त कुछ याद आ गया है,
नहीं आती तिरी भी याद बरसों,
तिरा इश्क अब तो हद से बढ़ गया है.!
मौत का भी इलाज हो शायद
ज़िन्दगी का कोई इलाज नहीं।
कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नही
जिंदगी तूने तो धोके पे दिया है धोका।
बहुत पहले से ही उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
फ़िराक़ गोरखपुरी शायरी हिंदी में
न जाने अश्क़ से आँखों में क्यों है आये हुए
गुजर गया जमाना तुझे भुलाये हुए।
रोने को तो जिंदगी पड़ी है
कुछ तेरे सितम पे मुस्कुरा लें।
मैं हूँ दिल है तन्हाई है
तुम भी होते अच्छा होता।
कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम
उस निगाह-ए-आशना को क्या समझ बैठे थे हम ।
जो हंसते-बोलते चुप हो गया हूं
मुझे ऐ दोस्त कुछ याद आ गया है
नहीं आती तिरी भी याद बरसों
तिरा इश्क अब तो हद से बढ़ गया है
बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं.
करवटें लेती हैं रातें गेसुओं की छांव में
दिन फिरें दुनिया के वो अन्दाज़ उठते पांव में
चाल वह जिससे लहक उठता हो इश्के-ना मुराद
जिस तरह गुज़रे नज़र के सामने से कोई याद
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हो तुझे ऐसा भी नहीं
आँखों में जो बात हो गई है
इक शरह-ए-हयात हो गई है