Alone Shayari in Hindi: दिल के अकेलेपन और तन्हाई की भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करती है। यहाँ पढ़िए कुछ खास शायरियाँ जो आपके दिल को छू जाएँगी और आपको अपने जज़्बातों से जोड़ देंगी।अगर आप चाहो तो आप अपने Facebook , Instagram & WhatsApp पर भी शेयर कर सकते हैं।
Alone Shayari

आदत बदल गई है वक्त काटने की,
हिम्मत ही नही होती दर्द बांटने की।

न साथ है किसी का न सहारा है कोई,
न हम हैं किसी के न हमारा है कोई।

जिंदगी में कुछ खास नहीं,
जो खास है वो पास नहीं।

मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
में पत्त्थर हूँ, मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।

ये दुनया कहने को तो अपनों का मेला है,
ध्यान से देखो तो यहां हर शख्स अकेला है।

अकेलापन का अहसास हर किसी को होता है,
ये एक मुसाफिर है जिसे हर कोई मिलता है।

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से,
अब बस आखिरी दिन का इंतजार है।

अकेले रहना अब आदत बन गई है,
दर्द से दोस्ती खुद ही हो गई है।

जब तोड़ना ही था तो रिश्ता जोड़ा क्यों,
खुशी नहीं दे सकते थे तो हमारा गम से
नाता जोड़ा क्यों।

हम तो दर्द लेकर भी याद करते हैं.
लोग दर्द दे कर भी भूल जाते हैं।
Alone Shayari in Hindi

कितने अजीब है ज़माने के लोग,
खिलौना छोड़ कर जज्बातों से खेलते है…!

जिंदगी उस दौर से गुजर रही है,
जहां दिल दुखता है…….!
और चेहरा हंसता है………!!!

खोया हुआ हर सपना टूटा हुआ हर ख्वाब,
ज़िन्दगी ने सिखाया कुछ नहीं है, हमारा यहाँ ।

कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है,
दुनियां को क्या पता हम क्या क्या सह जाते है..!!!

इंसान सिर्फ उसी के लिए रोता है,
जिसे वह अपनी जिंदगी में सबसे खास जगह देता है,

बेचैन हूँ बहोत मगर पैगाम किसको दूँ,
जो खुद न समझ पाई वो इल्ज़ाम किसको दूँ.!!

नजर ना आऊं इतना भी दूर ना करो मुझे,
बदल ना जाऊं इतना भी मजबूर ना करो मुझे..!

मन ही तो था,
कोई और बहला गया होगा,
दिल ही तो था,
किसी और पर आ गया होगा।

सबको खुश रखते रखते हमारी,
खुशी ने ही खुदकुशी कर ली।

हर ख्वाब अब एक दर्द भरी कहानी है,
तन्हाई ही अब मेरी जिंदगी की निशानी है।
अलोन शायरी हिंदी में

साथ चलने वाले सब रास्ते बदल गए,
और हम अकेले ख्वाबों की भीड़ में रह गए।

बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं,
सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ में..!!

आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं,
बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं,
जो तुम नहीं जिंदगी में तो फिर कुछ नहीं,
समा जाओ मुझमें… कि अकेला हूँ मैं।

जिंदगी के रंजो गम सब खुद उठाने पड़ते हैं,
यहाँ सहारा देने वाले ही अवसर सहारा तोड़ देते हैं,

मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है..!!
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है..!!

आज कुछ ज़िन्दगी में कमी है तेरे बगैर,
ना रंग है ना रौशनी है तेरे बगैर,
वक़्त चल रहा है अपनी ही रफ़्तार से,
बस थम गयी है धड़कन एक तेरे बगैर ।

अजीब है मेरा अकेलापन ना खुश हूँ,
ना उदास हूँ, बस खाली हूँ, और ख़ामोश हूँ..!

अकेले चलना सीख लिया मैंने,
अब न किसी की तलाश है,
न किसी की आस है।

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को चुभ न जाएं इसलिए दूर हो गए।

तू उदास मत हुआ कर इन हजारो के बीच,
आखिर चाँद भी अकेला रहता है,
सितारों के बिच..!