Alfaaz Shayari in Hindi: हेलो दोस्तों, दिल से दुआ है कि आप सभी खुश, स्वस्थ और सकुशल हों, (ShayariHeart) में आपका स्वागत है,अगर आप (Alfaaz Shayari in Hindi) की तलाश में है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है, अल्फ़ाज़, जो दिल से निकलते हैं, वो सीधा दिल को छू जाते हैं। कुछ बातें हम कह नहीं पाते, पर शायरी के अल्फ़ाज़ हमारी खामोशी को भी जुबान दे देते हैं। जब दिल भारी होता है, तो यही अल्फ़ाज़ सहारा बनते हैं। कभी किसी की याद में डूब जाते हैं, तो कभी अपने जज़्बा बयां कर देते हैं। अल्फ़ाज़ सिर्फ़ शब्द नहीं होते, ये एहसासों का आईना होते हैं। हर शायरी एक दास्तां कहती है, मोहब्बत की, दर्द की, या उम्मीद की। इसलिए जब भी दिल बोले, उसे अल्फ़ाज़ में ढाल देना ही बेहतर होता है।
Alfaaz Shayari

ना अनपढ रहे, ना काबिल हुए,
खामखां ए जिन्दगी, तेरे स्कूल में दाखिल हुए..!

मैं कल को तलाशता रहा दिन भर,
और शाम होते होते मेरा आज भी चला गया।

जिंदगी में कुछ हसीन पल यूं ही गुजर जाते हैं,
रह जाती हैं यादें और इंसान बिछड, जाते हैं.!

काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर..!

जिस बात से दिल डरता था वो हो गई,
कुछ दिन के लिए किस्मत जागी थी अब सो गई.!

कुछ इस तरह से हमारी बातें कम हो गई..
कैसे हो पर शुरू और ठीक हो पर खत्म हो गई..

आग, जहर, मौत फिर सब प्यारी लगने लगती है,
अपनी बेचारगी भी जब बेचारी लगने लगती है।

काबिल नही थे फिर भी हमने इकरार किया,
उम्मीद नहीं थी लौटने की फिर भी इंतजार किया।

मिजाज अपना कुछ ऐसा बना लिया हमने,
किसी ने कुछ भी कहा, बस मुस्कुरा दिया हमने।

यही एक राहत भी और गिला भी यही,
वो मिला तो सही मगर मिला ही नही..!
Alfaaz Shayari in Hindi

शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को,
कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए तेरे एक नाम को।

कागज पर गम को उतारने के अंदाज़ ना होते,
मर ही गये होते अगर शायरी के अलफाज़ ना होते।

साँवले रंग को कभी कम ना समझना,
लोग दूध से ज्यादा चाय के दिवाने हैं..!

बहुत मुश्किल होता हैं ना,
किसी का होकर फिर से खुद का होना।

कलम थामना भी सुकून दे जाता है,
जब दर्द अल्फाज़ों में चुपचाप बह जाता है !!

वो थे न मुझसे दूर न मै उनसे दूर था,
आता न था नजर तो नजर का कुसूर था।

एक उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में,
एक आस में, एक काश में।

कभी लेकिन, तो कभी काश में हूँ,
मैं शायद अब भी तेरी तलाश में हूँ।

तुम्हारा याद आना भी क्या कमाल होता है,
कभी देखना आकार हमारा क्या हाल होता है।

हमें भी इश्क़ हुआ था, वो भी इश्क़ में शामिल थे शायद,
उसकी हंसी को प्यार समझ लिया, हम गलत थे शायद।
अल्फाज़ शायरी हिंदी में

इंसान तारों को तब देखता है,
जब जमीन पर कुछ खो देता है।

दो पल मुस्कुराकर हुई आंखे नम,
फिर वही गम फिर वही हम।

आग, जहर, मौत फिर सब प्यारी लगने लगती है,
अपनी बेचारगी भी जब बेचारी लगने लगती है।

जब गिला शिकवा अपनो से हो तो खामोशी भली,
अब हर बात पर जंग हो जरूरी तो नही..!!

जवाब रखे रखे सवाल हो गए,
अब तो खुद से मिले कई साल हो गए !!

नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ जिंदगी यहां तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।

चीज जिसे दिल कहते हैं, भूल गए हैं रख कर कहीं,
एहसास जिसे प्यार कहते हैं, भूल गए है वो दफना के कहीं।

यही एक राहत भी और गिला भी यही,
वो मिला तो सही मगर मिला ही नही..!

पसंद बना के ठुकराया गया है,
बुरा नहीं था मैं बनाया गया है..!

काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर।
पहले चुभा बहुत, अब आदत सी है…
ये दर्द पहले था, अब इबादत सी है…!
मिले तो हजारों लोग थे जिन्दगी में,
वो सबसे अलग था जो किस्मत में नही था।
खाली वक्त में कभी याद आऊं,
समझ लेना तुम्हारे अंदर कहीं जिंदा हूं मै.!
बहुत भीड. है लोगों के दिलों में,
इसलिए हम अकेले ही रहते हैं.!
अपने कई हैं,
मगर अपना कोई नहीं.!
बिछड, के तुझसे किसी दूसरे पे मरना है,
ये तजुर्बा भी इसी जिन्दगी में करना है।
जिन्दगी तो सबके पास है,
पर हर कोई जिंदा थोडी है..!
अंजाम ने दुख दिया है,
वरना यादें तो प्यारी हैं..!
मां फिर से चुप कराओ ना,
तेरा बेटा अब अंदर से रोता है.!
Alfaaz Shayari In Hindi Image
कुछ इस तरह तेरे मेरे रिश्ते ने आखिरी सांस ली,
न मैंने पलट कर देखा न तुमने आवाज दी।
सवाल ये नही की दर्द कितना है,
बात ये है कि परवाह किसे है.!
शर्तें लगाई जाती नही दोस्ती के साथ,
कीजिए मुझे कुबूल मेरी हर कमी के साथ.!
पता चला कि एक दिन मरना ही है,
तब जाकर जीना शुरू किया।
कहां चराग जलाएं, कहां गुलाब रखें,
छतें तो मिलती हैं, लेकिन मकां नही मिलता..!
आजतक दिया नही तुमने मुझे फरेब
पर ये भी सच है तुम कभी मेरे नही रहे!
सैर कर दुनिया की गालिब जिंदगानी फिर कहां,
जिंदगी अगर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां.!
सिर्फ. जिंदा रहने को जिन्दगी नही कहते,
कुछ गम-ए-मोहब्बत तो कुछ गम-ए-जहां यारों.!
बदला हुआ कहता है वो मुझे,
जो खुद पहले जैसा नही रहा.!
हमारा दिल तो हमेशा से इक जगह पर है,
तुम्हारा दर्द ही रस्ता भटक गया होगा।
अधूरे अल्फ़ाज़ शायरी
अब तो बस, दिल में यादें..
और फोन में नंबर रह गए हैं.!
माना कि तुम गुफ्तगू के फन में माहिर हो पर,
वफा के लफ्ज पर अटको तो हमे याद कर लेना।
इतना बदनाम भी बीमार ना हो,
मौत आने ही को तैयार न हो..
सभी से राज कह देता हूं,
अपने न जाने क्या छुपाना चाहता हूं.!
अंधेरे में भी एक दुनिया है आबाद ,
आंखों को अपनी बंद करके तो देखो.!
भरी है जो दिल में हसरत कहूं तो किससे कहूँ,
सुने है कौन मुसीबत कहूं तो किससे कहूं
मै बोलता हूं तो इल्जाम है बगावत का,
मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है।
हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है,
वजह कोई मजबूरी भी हो सकती है।
हाथ उठते हुए उनके न कोई देखेगा,
किस के आने की करेंगे वो दुआ मेरे बाद.!
तुम्हारे दिल की चुभन भी जरूर कम होगी,
किसी के पांव से कांटा निकालकर देखो।
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा।